➽यकीन जब कभी खुद टूटने लगता है
साथ मेरा ही मुझसे फिर छूटने लगता है
➼हद से ज्यादा तकलीफ होती है तब
जब अंदर ही अंदर ज़ख्म फूटने लगता है
➼बहुत रोता है ये दिल चीख चीख कर
कोई अपना मेरा जब मुझे लूटने लगता है
➼कुछ इस तरह टूटने लगा हूँ मैं आजकल
जैसे शीशा कोई खुद ब खुद टूटने लगता है
साथ मेरा ही मुझसे फिर छूटने लगता है
➼हद से ज्यादा तकलीफ होती है तब
जब अंदर ही अंदर ज़ख्म फूटने लगता है
➼बहुत रोता है ये दिल चीख चीख कर
कोई अपना मेरा जब मुझे लूटने लगता है
➼कुछ इस तरह टूटने लगा हूँ मैं आजकल
जैसे शीशा कोई खुद ब खुद टूटने लगता है
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